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सिसवा पशु शेड घोटाला : पूर्व प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, तकनीकी सहायक, रोजगार सेवक के खिलाफ दर्ज हुआ FIR, डीसी मनरेगा के जांच में घोटाले का हुआ था पर्दाफाश
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : जिले के सिसवा ब्लॉक के पकड़ी चौबे गांव में मनरेगा से पशु सेड निर्माण में घोटाले में चार के खिलाफ ग्राम विकास अधिकारी ने मुकदमा दर्ज कराया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद शशिकांत पांडे ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं प्रशासन की इस कार्रवाई से महराजगंज जिले के सभी विकासखंडों में सनसनी फैल गया है।
डीसी मनरेगा के जांच में घोटाले का हुआ पर्दाफाश
मनरेगा पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक पकड़ी चौबे गांव में 2019- 20 में गांव में 34 पशुशेड निर्माण के लिए धनराशि का भुगतान लिया गया, लेकिन निर्माण में बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई। ग्राम पंचायत के पोर्टल पर अपने नाम से पशुशेड निर्माण के लिए पैसे की निकासी देख ग्रामीण दंग रह गए। ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन डीएम ने जांच कराया। पिछले महीने डीसी मनरेगा के जांच में पशुशेड निर्माण में अनियमितता सामने आने के बाद डीएम के आदेश पर ग्राम पंचायत सचिव नीरज सिंह ने ग्राम विकास अधिकारी शशिकांत पांडेय, सिसवा ब्लाक के तकनीकी सहायक कवलजीत सिंह, पूर्व प्रधान रामानंद यादव व ग्राम रोजगार सेवक शशिकला चौधरी के खिलाफ कोठीभार थाना में तहरीर दिया। जिसके आधार पर कोठीभार पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धारा 420, 409 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर लिया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद ग्राम विकास अधिकारी शशिकांत पांडेय को निलंबित कर दिया गया है। वहीं एपीओ के ऊपर कार्रवाई न होने से लोगों ने सवाल खड़ा किया है। क्योंकि एपीओ की निगरानी में ही ब्लॉक स्तर पर किसी भी वर्क के लिए एमआईएस, मस्टर रोल और फर्म को भुगतान करने की निगरानी एपीओ की ही होती है।
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